उस सन्नाटे के बीच, शीशे के पीछे खड़ी श्रीनिका की हल्की मुस्कान और भी रहस्यमयी लग रही थी।
और इससे भी गहरी मुस्कान थी अंशिका कि क्योंकि उसने श्रीनिका को क्या बनाया था । यह तो वह खुद जानती थी और शायद ही इसका पता वहां किसी और को लग पाता लेकिन अंशिका ने उसमें सेल्फ लर्निंग मोड़ भी डाला था । जहां वह जितने लोगों के बीच रहती उनको ऑब्जर्व करती और किस तरह बिहेव करना हैं यह सिखाती रहती थी ।
अब उसे पक्का विश्वास था कि श्रीनिका को वह खुद से रिप्लेस कर सकती हैं ।
प्रगति ने अंशिका की सोच को रोकते हुए उससे पूछा , " तुम श्रीनिका को युरोप क्यों भेज रही हो अंशिका ? "
अंशिका ने गहरी सांस ली और हल्के से मुस्कुराई, मगर उसकी आंखों में एक रहस्य था।
"क्योंकि... कुछ सच्चाइयां अभी सबके सामने आनी बाकी हैं। और मैं चाहती हूं कि रिचर्ड खुद मेरे जाल में फंसे, बिना किसी शक के और पहला चूहा बिल से निकले ताकि उसके पीछे और भी चूहे निकले
My Heartless Wife ; Part -60