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दोस्तों, पिछले 48 घंटे में 400 से ज्यादा न्यु नोवेल पब्लिश हुए हैं, थैंक्स फॉर योर सपोर्ट। फिलहाल कवर बनाए जा रहे हैं। इसलिए जो भी न्यु राइटर्स नोवेल पब्लिश कर चुके हैं या कर रहे हैं, वो थोड़ा धैर्य बनाए रखें। हम 1-2 दिनों तक सभी के कवर अपडेट कर देंगे। होम पेज के न्यु रिलीज सेक्शन में इतनी सारी कहानियों का प्रमोशन पॉसिबल नहीं है। इसलिए इसके बारे में भी टीम डिस्कस कर रही है, ज्यादा नई कहानी होने पर उसका प्रमोशन किस तरह से किया जाए। शायद होम पेज के न्यु रिलीज सेक्शन में बदलाव कर उसमें शफलिंग शुरू की जाएगी, ताकि सभी को बराबर मौका मिले और बदल बदल कर न्यु नोवेल वहां पर दिखाई देते रहे।
न शिकायत खुद से है और न ही किसी ओर से
जब वक्त नहीं मददगार, तो क्या गिला किसी से
दर्द तो मुझको मिला है, फिर क्यों होना रुसवा किसी से
किया नहीं है शिकवा किसी से, न तुमसे और न ही खुदा से
जब से उसका साथ छूटा, दिल से एहसास है टूटा
मैं भी शिकवा नहीं करती, न समय से न सनम से
हर मोड़ पर बस खामोशी का साथ रहा
ना कोई अपना, ना पराया, बस एक तन्हा जज़्बात रहा
हौसलों की चादर ओढ़, चलती रही इस सफर में
ना शिकायत किसी राह से, न डर किसी डगर में
जो गया उसे रोक न सकी, जो आया उसे टोक न सकी
नसीब के इस खेल में मैं, हर मोहर को देख न सकी
आँखों में अश्क जरूर थे, मगर जुबां पे ना कोई शिकायत
दिल ने सीखा है अब बस, हर दर्द में भी इनायत
छोड़ आई हूँ वो गिले, जो खुद को ही तोड़ते थे
अब तो रिश्ते भी वही हैं, जो ख़ामोशी में बोलते थे
अदिति राही
घूंघट में छिपी एक सुबह सी नज़र आई,
नज़ाकत में लिपटी, मगर तेज़ की परछाई।
ना गहनों का गुरूर, ना रंगों की बौछार,
उसके संस्कारों में ही थी सच्ची शृंगार।
नज़रों में नम्रता, बातों में मिठास,
हर अदा में बसती थी रूह की प्यास।
सादगी की वो मिसाल, जैसे चाँदनी रात,
जो छू ले दिल को, बिना कहे हर बात।❤️ धानी ( trapped marriage)
Ishqi
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Anuradha Pathak
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