ہمارے Discover صفحہ پر دلکش مواد اور متنوع نقطہ نظر کو دریافت کریں۔ تازہ خیالات کو اجاگر کریں اور بامعنی گفتگو میں مشغول ہوں۔
विराट ने खुद को कमरे में बंद कर लिया।
कभी चूड़ियों को देखता, कभी अवनी की रिकॉर्डेड हँसी को सुनता कभी क्या कभी क्या, तभी उसमके सामने रखी तस्वीर को देखा और धीरे से बुदबुदाया –"अगर तुम्हे मुझसे दूर जाना ही था,तो यूँ क्यों हँसी थी मेरी बाहों में, अवनी?"
"इतना दर्द तो दुश्मन नहीं देता… जितना तुम दे गई।"
खत में लिखा था – "मैं जा रही हूँ, क्योंकि तुम्हें मुझसे नफ़रत करना आसान होगा
बजाए ये समझने के कि मैं तुम्हारे लिए क्यों टूटी हूँ। माफ़ करना… मैं एक माँ बनने जा रही हूँ, लेकिन तुम्हें ये ख़ुशी नहीं दे सकती।
शायद कभी फिर मिलें… उस बच्चे के साथ,
जो आज भी तुम्हारा है।" उस पर और मुझ पर सिर्फ तुम्हारा ही हक होगा वो भी हमेशा के लिए कुछ मजबूरियों ने हमे बांधा था और कुछ ने अलग कर दिया लेकिन ये अवनी तुम्हारे बिना अधूरी है विराट " आई लव यू
तुम्हारी अवनी!"
ending chapter
माफिया का बंधन
का आज लास्ट चैप्टर पोस्ट कर दिया गया है,
आज रात तक पांचवा पाठ अधूरी शादी का अपलोड हो जाएगा और मैं सोच रही हूं एक नई कहानी इसके साथ शुरू करूं जिसमें काफी कुछ हो और जिसको पढ़कर आप लोगों को मजा भी आए और वह कहानी आपके दिल और दिमाग में छा जाए और आपके इंतजार रहे कि कब उसका अगला पार्ट आएगा और साथ में मेरी यह भी कोशिश रहेगी कि मैं जल्द से जल्द उसे कहानी के पाठ और इस कहानी का पाठ अपलोड करते रहो उम्मीद है आप लोग मेरी कहानी पढ़ेंगे और पढ़कर अच्छे से रिव्यू देंगे और अगर कुछ कमी हुई तो उसके बारे में बताएंगे
धन्यवाद
unicorngirl
تبصرہ حذف کریں۔
کیا آپ واقعی اس تبصرہ کو حذف کرنا چاہتے ہیں؟