विराट ने खुद को कमरे में बंद कर लिया।
कभी चूड़ियों को देखता, कभी अवनी की रिकॉर्डेड हँसी को सुनता कभी क्या कभी क्या, तभी उसमके सामने रखी तस्वीर को देखा और धीरे से बुदबुदाया –"अगर तुम्हे मुझसे दूर जाना ही था,तो यूँ क्यों हँसी थी मेरी बाहों में, अवनी?"
"इतना दर्द तो दुश्मन नहीं देता… जितना तुम दे गई।"


खत में लिखा था – "मैं जा रही हूँ, क्योंकि तुम्हें मुझसे नफ़रत करना आसान होगा
बजाए ये समझने के कि मैं तुम्हारे लिए क्यों टूटी हूँ। माफ़ करना… मैं एक माँ बनने जा रही हूँ, लेकिन तुम्हें ये ख़ुशी नहीं दे सकती।
शायद कभी फिर मिलें… उस बच्चे के साथ,
जो आज भी तुम्हारा है।" उस पर और मुझ पर सिर्फ तुम्हारा ही हक होगा वो भी हमेशा के लिए कुछ मजबूरियों ने हमे बांधा था और कुछ ने अलग कर दिया लेकिन ये अवनी तुम्हारे बिना अधूरी है विराट " आई लव यू
तुम्हारी अवनी!"


ending chapter
माफिया का बंधन
का आज लास्ट चैप्टर पोस्ट कर दिया गया है,

مزید پڑھ
پسند