मेरा इश्क भी तू, दीदार भी तू मेरा रब भी तू, रक़ीब भी तू। तेरी यादों में ही बहते रहे, मेरा साहिल भी तू, सलीब भी तू। तेरी राहों में खोए रहे हम, मेरा मंज़र भी तू, नसीब भी तू। जो मिले तुझसे, वो चैन भी था, मेरा ग़म भी तू, तबीब भी तू। तेरी आँखों में जो देखी थी दुनिया, मेरा ख़्वाब भी तू, हालात भी तू। बिछड़ कर भी तुझसे जिया जो कभी, वो जज़्बात भी तू, औक़ात भी तू।