read my new novel - तेरे जाने का ग़म
जिस पर सर्वज्ञ , उसे देखते हुए - तुम इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकती हो ।
उसकी इस बात पर अद्विका , उसे देखते हुए - हम्म , पर अभी तो तुमने कहां था कि तुम मेरे हर कदम पर विश्वास करना चाहते हो ।
उसकी बात पर सर्वज्ञ उसे हैरानी से देखने लगा । वह समझ ही नहीं पाया कि एक पल में यह क्या हुआ ? उसे अद्विका से इस तरह के सवाल की उम्मीद नहीं थी । वह लड़की उसकी सोच से कही ज्यादा चालक थी जिसने एक ही पल में उसे ही उसकी बात में फंसा दिया ।
सर्वज्ञ के चेहरे का उड़ा रंग देख अद्विका - डोंट बी शाॅक , यह बस एक छोटा सा मजाक था ।
जिस पर सर्वज्ञ गहरी सांस लेते हुए - फिर ठीक हैं वरना तुम तो एक पल में सांसे ही अटका देती हो ।