हम तो वो थे जनाब,
किसी को एक शब्द बोलने से ,
पहले शब्दों को तौलते थे,
कहीं उसे दर्द न पहुंच जाए....!
जब मेरी बारी आई,
लोगों ने तो मुझे इंसान भी नहीं समझा ....!🥹🥹🥹🥹🥹

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