चल आज एक नया सफर पे फिर से चलते हैं,
टूटे हुए तिनकों से एक नया आशियाना,
सजाते हैं..........!
अब हार नहीं, जीत की डंकार बजेगी,
अब मेरी नहीं, दुश्मनों की बली चढ़ेगी.....।

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