तो वही कबीर उसी जगह खड़ा हुआ था जहा उसने कुछ देर पहले सांझ को छोड़ा था, वो अपनी कार से बाहर टेक लगाकर कुछ सोच रहा था, तभी उसका फोन रिंग करने लगा, सांझ के नाम को देखकर कबीर के फेस पर हैरानी के साथ खुशी के भाव आ गया थे। उसने जल्दी से फोन उठाया और कुछ बोलता उससे पहले ही सांझ की धीरे से आवाज आई–" हेल्प मी सर,

कबीर ने सांझ की बात सुनी और बोला–" कहा हो तुम...?" तुम केसे कही जा सकती हो, बड़ा बोल रही थी बच्ची नही हूं जो कोई किडनेप कर लेगा अब क्या हुआ..?"

सांझ ने इधर उधर देखा और अपने सर पर अपने हाथ से मारते हुए बोली–" क्या पागल इंसान है ये, उसने इतना बोला और वापस कबीर से बोली–" पापा को बोलिए और हा मैं लोकेशन देती हूं,







साजन बेइंतहा इश्क सीजन 2
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