कुछ इश्क तुमसे किया
कुछ इश्क तेरी यादों से
कैसे बताऊं तुझको
कैसे कैसे तुझको याद किया।
हर बार हर बात को याद किया
तेरे गुस्से को, तेरे प्यार को
तेरी बातों को, तेरे नखरे को — पूछ मत
कैसे कैसे याद किया।
पर जब जब तुझको याद किया
दिल कहता है तुझको बस
दिल से मैंने याद किया।
तेरी हँसी में सुकून पाया
तेरी आँखों में एक जहां बसाया
खामोशी में भी तेरी आहट सुनी
हर लम्हा तेरा साथ निभाया।
रातों को जागा, सपनों में खोया
तेरी एक झलक को मन ने संजोया
चाहत की हदें कब की पार कीं
बस तेरा नाम दिल पर लिखा बार-बार किया।
अब तो सांसें भी तेरा ज़िक्र करती हैं
धड़कनें बस तेरा ही गीत गाती हैं
कैसे समझाऊं तुझको
कैसे कैसे तुझको याद किया।