शायद उसकी फितरत थी धोखा देना,
प्यार का दिखावा करके सब बिखेर देना।
प्रकृति थी उसकी यूं निगाहें चुराना,
देख कर मुझे यूं बेवफा कह जाना।
दर्द दे कर भी खुद को मासूम बता जाना,

यही खलता था इस तरह से उसका मुझे बेजान कह जाना,
पर मुझे ही उसकी प्रकृति नजर नहीं आना।
मेरी मासूमियत का इस तरह से मजाक उड़ाना,
दिल में टीस भर के मुझे इस तरह आंसू दे जाना।
उसका सबब बन गया था मुझे इस तरह से परेशान करते जाना।
नए ख्वाब दिखा कर फिर इस कदर उनको टुकड़े टुकड़े कर जाना,
फितरत में शामिल था उसकी यूं हर लड़की को
बरबाद कर जाना।

Aditi raahi

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