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दूसरी तरफ एक बंगला जो कि शहर से कोसों दूर था । एकदम शांत और सुनसान जगह पर था।
वहां पर भी कई सारे गार्ड पहरेदारी के लिए मौजूद थे ।
और इस बंगले के अंदर एक कमरा जो पूरी तरह से अंधेरे में था। वहां पर कोई भी रोशनी नजर नहीं आ रही थी।
तभी अचानक उसे कमरे का डोर खुला और एक शख्स उस कमरे में दाखिल हुआ ।
उस वक्त उस शख्स की हांफने की आवाज साफ-साफ सुनाई दे रही थी ।
जिससे साफ पता चल रहा हो कि जैसे वो बुरी तरह से थका हुआ है। या बहुत जल्दी में आया हुआ हो ।
उसने उस कमरे के एक कोने में एक कुर्सी पर बैठे हुए साए की ओर देखकर के कहा-" भा.. भाई उसने सारा को मार दिया, sara is death और उसके साथ वो सब कुछ उसने मिटा दिए जो उसे RD को बर्बाद कर सकता था।
उस शख्स ने उतना कहा ही था कि तभी उस कमरे में एक गोली चली।
जो ठीक उसे उसके कान के पास से होते हुए पीछे की दीवार पर जा लगी ।
जिसे देख वो शख्स एक लंबी सांस लेते हुए कहा -" हमें माफ कर दीजिए भाई, ये सब सिर्फ मेरी लापरवाही की वजह से हुआ था ।
मुझे सारा को उसके पास अकेले भेजना ही नहीं चाहिए था । पर मुझे क्या पता था कि वो RD इतना निर्दय हो सकता है कि उसने सारा को इतनी बेरहमी से मार देगा।
क्युकी जहां तक मैंने सुना था, कि भले ही RD जितने भी गलत से गलत काम कर ले ।
पर वो कभी किसी लड़की को जान से नहीं मारता था, ना ही किसी लड़की को कोई सजा देता था ।
पर नहीं ये सब सिर्फ एक झूठ है, ये एक अफवाह है , भले ही RD गुनाहों का देवता हो , पर उसकी गुनाहों में ये भी शामिल है कि वो अपनी दुनिया में लड़कियों को भी नहीं छोड़ता, वो उन्हें भी बेरहमी से मार देता है।
रुद्रांश ने पीहू की बात सुनी और कहा–" अकेले जाने का बहुत शोक है न, तुम नहीं जाओगी अकेली, मैं भी तुम्हारे चलूंगा चाहे कही भी जाओ रूम में या भगवान के पास दोनो साथ जायेंगे, तुम अकेले सब कुछ सह रही थी हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी, इतना बोल रुद्रांश ने पीहू के ऊपर हाथ उठाया लेकिन उसका हाथ हवा में ही रह गया उसने उसके चेहरे को प्यार से छूते हुए कहा–" तुम्हारी अकेले की लाइफ नहीं है मेरी भी है, क्या लग रहा था छुपा लोगी और हमे पता नहीं लगेगा, तुम अकेले नहीं ले सकती ये फैसला हम दोनों लेंगे,तुम मेरी हो और मैं तुम्हारा, और कल से तुम किमो लोगी!"
पीहू हैरानी से रुद्रांश को देख रही थी उसने कस के रुद्रांश को गले लगाया और कहा –" मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था, मैं तुम्हे छोड़कर कही नहीं जा रही, सॉरी इतना बोल उसने रुद्रांश को कस के पकड़ लिया था!"
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( बेहद इश्क)