सिल्वियो बर्लुस्कोनी, मीडिया टाइकून जो इटली के मुखर, रूढ़िवादी प्रधान मंत्री बने, को हाल ही में चेहरे पर स्पेगेटी की चुनावी प्लेट सौंपी गई थी।
सिल्वियो बर्लुस्कोनी, मीडिया टाइकून जो इटली के मुखर, रूढ़िवादी प्रधान मंत्री बने, को हाल ही में चेहरे पर स्पेगेटी की चुनावी प्लेट सौंपी गई थी।
जैसा कि आपने निस्संदेह पढ़ा होगा, वह एक संकीर्ण दौड़ में केंद्र के बाईं ओर के चुनौती देने वाले से हार गए, जिसे भारी जेब वाले बर्लुस्कोनी ने कई बार पछाड़ दिया।
हालाँकि बर्लुस्कोनी ने चुनाव लड़ना जारी रखा, लेकिन इतालवी अदालत ने उनके प्रतिद्वंद्वी के पक्ष में फैसला सुनाया।
चूँकि श्री बर्लुस्कोनी इटली की राजनीति में कुछ मसाला लाते प्रतीत होते थे और अब उनकी जगह अपेक्षाकृत नरम नेतृत्व वाला व्यक्ति लेगा, कोई भी विश्व राजनीति के वर्तमान चरण में आम तौर पर फीकी मंडली से उनके जाने पर कुछ पछतावा महसूस करने से बच नहीं सकता है।
कोई यह सोच सकता है कि सिल्वियो जैसा स्पष्ट रूप से प्रतिभाशाली व्यक्ति जानता होगा कि उत्तेजक भाषण और परिधान वैभव की प्रवृत्ति औसत मतदाता को उसे नीचे गिराने के लिए प्रेरित करने के दो सबसे संभावित तरीके हैं।
जाहिर तौर पर, नागरिकों का प्रभावी लेकिन विनम्र सेवक होना उनके बस की बात नहीं है।
चूँकि बर्लुस्कोनी इराक में हमारे संघर्षों में एक ईमानदार सहयोगी थे, इसलिए अब हमें इस संभावना का सामना करना होगा कि नवनिर्वाचित प्रधान मंत्री तेजी से पीछे हटेंगे।
इसलिए बेहतर होगा कि हम झुकने के लिए तैयार हो जाएं।
स्पेगेटी की दूसरी प्लेट हमारी ओर उड़ सकती है।