🪔परमात्मा शिव की अद्भुत महिमा 🪔 सदाशिव उवाच🔱🔱 मद्वाक्यादखिलं शुद्ध्येन्मद्वाक्यादमृतं विषम् । मद्वाक्यादखिला वेदा मद्वाक्याद्देवतादयः🔱🔱 २२७। परमात्मा सदाशिव ने कहा - मेरे वचन से 🔱🔱बिना अपवाद सर्वत्र 🔱🔱अखिल शुद्धि होती है, मेरे वचन से विष भी अमृत हो जाता है, मेरे ही वचन से समस्त🔱🔱 वेद धृत हैं, मेरे ही वचन से समस्त देवताओं का अस्तित्व है। मद्वाक्याद्धर्मविज्ञानं 🔱🔱मद्वाक्यान्मोक्ष उच्यते । पुराणान्यागमाश्चैव स्मृतयो मम वाक्यतः २२८। मेरे ही वचन 🔱🔱से धर्म का विशेष ज्ञान होता है, मेरे ही वाक्य से मोक्ष कहा जाता है(अर्थात् 🔱🔱मैं ही मोक्षदाता हूं),,, पुराण , 🔱🔱आगम स्मृतियां आदि सब मेरे ही 🔱🔱वचन से प्रतिष्ठित हैं👍🏻 (पद्मपुराणतः पातालखण्डे 🔱🔱शताधिकचतुर्दशेऽध्याये )🔱🔱🔱

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