उसने अपने हाथों को अकाय की चेस्ट पर रखा, उसे धक्का देने की कोशिश की, लेकिन उसकी ताकत जैसे ख़त्म हो चुकी थी। अकाय का शरीर उसके इतना करीब था कि वो उसकी साँसों की गर्मी को अपने चेहरे पर महसूस कर सकती थी। उसकी परफ्यूम की खुशबू अब और तीव्र हो रही थी, और श्रेणी का दिमाग़ उस रात की यादों में उलझने लगा। अकाय ने अपने बाएँ हाथ को भी अब श्रेणी की कमर पर रखा, और दोनों हाथों से उसने उसे हल्का सा अपनी ओर खींचा। उसकी उंगलियाँ अब और गहराई से श्रेणी के हिप्स पर दबा रही थीं, उसके स्पर्श से श्रेणी का शरीर अब काँप रहा था, वो उसे दूर करना चाहती थी, पर पता नही क्यों शरीर साथ नही दे रहा था, उसकी साँसें तेज हो गई थीं। उसका दिमाग़ और दिल एक जंग लड़ रहे थे, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं, जैसे वो इस हकीकत से भागना चाहती हो। पर अकाय नें उसके शरीर को दबा दिया था । जिससे श्रेणी हिल भी नही पा रही थी ।
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mamta sharma
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