कभी फुरसत मिले तो याद करना अपने इस दीवाने को,
तुम्हें मौत की हद तक चाहने वाले अपने इस परवाने को।
जानता हूँ समय नहीं होगा पास तुम्हारे मेरे लिए पर फिर भी,
एक बार आ जाना अपने हाथों से फूल मेरे मजार पर चढ़ाने को।
~ देव श्रीवास्तव " दिव्यम " ✍️

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