"""कितना सुकून है यहाॅं कि हवाओ में हर दर्द को भुला कर समा लेती हैं अपनी बाहो में लोग तो खा-मा- खा बदनाम कर जाते है इन लहरो को

कोई हमसे पूछे जिन्दगी का असली सुकून तो है इन लहरो में""

(स्वरचित)
- साधना जायसवाल

Like