माहिरा और श्वेता दोनों ने गर्दन घुमा कर पीछे देखा।
अंश उस वक़्त कुछ नोट्स देख रहा था, मगर जैसे ही उसने सिर उठाया…
उसकी नज़र सीधी माहिरा से टकरा गई।

और उस एक पल में वक़्त जैसे थम सा गया।
अंश का दिल ज़ोर से धड़का — ठीक वैसे ही जैसे पहली बार हुआ था।
मगर इस बार, कुछ अलग था।
इस बार सिर्फ अंश नहीं, माहिरा का दिल भी धक-से रह गया।
उसने नज़रें तुरंत फेर लीं, चेहरे पर हल्की गर्माहट उभर आई।
वहीं अंश ने भी खुद को नोट्स में व्यस्त दिखाने की कोशिश की, मगर उसकी उंगलियां अब शब्दों के बीच भटक रही थीं।



"तू जो मिला..."

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