तू जो मिला.....भाग :1
बारिश की धार में, जैसे कोई भूला-बिसरा सा सपना, एक लड़की अचानक सड़क पर दिखाई दी। अंश ने गाड़ी के ब्रेक मजबूती से दबाए, लेकिन देर हो चुकी थी। वह लड़की गिर पड़ी। अंश ने गाड़ी रोकी और दौड़कर उसके पास गया। बारिश की बूँदें उसकी आँखों में घुस रही थीं, उसका चेहरा धुंधला दिख रहा था, लेकिन लड़की की हालत साफ दिख रही थी - फटे हुए कपड़े, गंदे बाल, और एक छोटा-सा शरीर, जो ज़मीन पर बेबस पड़ा हुआ था, जैसे कोई टूटा हुआ खिलौना। उसका चेहरा, अंधेरे और बारिश की परत के पीछे छिपा हुआ था, पर उसकी साँसों की फुसफुसाहट, उसके शरीर का हल्का सा काँपना, उसकी बेबसी - ये सब अंश के दिल में एक ऐसी पीड़ा उठा रही थी, जिससे वह पहले कभी वाकिफ नहीं था। वह उसे उठाकर अपनी कार में सावधानी से लिटा दिया, और फिर, उसने अपनी कार अस्पताल की ओर दौड़ा दी।
पहला भाग पोस्ट कर दिया है.....आप सभी पढ़ सकते है, और मन करे तो कमेंट भी कर दीजियेगा☺️☺️