सुना था वो भी दर्द में आशु बहाते है ।।जो खुद को अपना बताते है ..! वो तो बैठे मुस्कुरा रहे जले पर नमक लगा रहे ...!
कहते थे कुछ हो न हो हम साथ न छोड़ेंगे तो जैसा भी रहे हम हाथ न छोड़ेंगे..!
वो तो मुझे पहचानने से भी शर्मा रहे थमना तो दूर मुझे अपना तक न बता रहे ...!
सुन था वो दर्द में आशु बहाते है ..! पर जो कहता था मुझे अपना वो ही दूर खड़े मेरे असफलता पर मुस्कुरा रहे ..!

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