पार्थ प्रिया के नजदीक आ कर बोलता है,
"यूँ मेरे नज़दीक आने से, तेरी आँखें सुकून में बंद हो जाना...
यूँ मेरे पास आने पर, मुझे खुद से दूर ना करना...
यूँ मेरी मौजूदगी में तेरी धड़कनें तेज़ हो जाना...
मुझे किसी और के करीब देख, तेरा मुठ्ठी भींच लेना...
मेरी नज़रें चुराने पर, तेरा दिल जल उठना...
क्या ये मोहब्बत नहीं है?
बोलो, क्या इश्क़ नहीं है ये, प्रिया?"
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