हर बार प्लेटफार्म का कसूर नहीं होता है। हम भी कई जगह पर गलत होते हैं। हम लोग हमेशा कहते हैं हमारी अर्निंग नहीं होती और प्लेटफार्म को इसका कसूरवार मानते हैं, लेकिन 70% मामलों में प्लेटफॉर्म कसूरवार नहीं होता। जैसे अब मेरी अर्निंग हो रही थी लेकिन मैंने कहानी के भाग ही नहीं दिए, उस टाइम इन्होंने मेरा एडवर्टाइजमेंट भी किया था, इसकी वजह से जो मेरे पास रिडर्स आए थे उन्हें भी मैं मेंटेन नहीं कर सकी।

हमारे लिए जो चीज सबसे बेसिक है और जरूरी है, वो है रोजाना लिखना। बिना छुट्टी किए। चाहे छोटा पार्ट दे दो मगर रोजाना दो। इससे जो रिडर आपकी कहानी पढ़ रहे होते हैं वह आपको छोड़कर नहीं जाते। लेकिन जब हम किसी दिन भाग नहीं डालते, तो कुछ लोग हमारी कहानी के बारे में भूल जाते हैं। हम इतना भी अच्छा नहीं लिखते जो लोग हमारी कहानी के अगले भागों का इंतजार करें, ऐसे में लोगों को हमारी कहानी की आदत लगा देना ही हमारी सफलता होगी। अगर उन्हें आदत लग जाएगी तब उन्हें चाहे हमारी कहानी का भाग अच्छा लगे चाहे ना लगे उन्हें उसे रोज पढ़ना होगा। क्योंकि उन्हें हमारी कहानी के भाग रोज पढ़ने की आदत है।

यह कुछ ऐसा ही है जैसा हमारे साथ टीवी सीरियल में होता है, अगर हम रोज देखते हैं तो हमें उसे देखने की आदत होती है, लेकिन बीच में अगर 5 दिन हम उसे ना देख पाए या फिर किसी वजह से वह लोग 5 दिन तक टीवी सीरियल को आगे टेलीकास्ट ना करें तो हम दोबारा उसे देखने की आदत नहीं बना पाते।

तो राइटरों, मन और तन से काम करो, हमें यहां के सिलेब्रिटीस बनना है और हम बन कर रहेंगे।

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