नीली आँखें मुटियार की,
उसके अमृत जैसे बोल।
जब देखूँ चेहरा, उसका खिलता ज़ुल्फ़ों से,
ऐसा लगता है जैसे रब हो मेरे पास।
चाँदी का कंगन गोरी बाहों में,
लेता दिल की परतें खोल।

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