फिर राजकुमार शुभांग अपनी बगलों की बदबू को राजकुमारी कुंद्रा को सुंघाते है जिससे राजकुमारी कुंद्रा और ज्यादा उत्तेजित हो जाती है और राजकुमार को बंगलो के चूमने व काटने लगती है फिर एक और बार राजकुमार शुभांग अपने वक्षों पर राजकुमारी का मुख रख देते है और राजकुमारी कुंद्रा, राजकुमार शुभांग के पूरे सीने पर अपनी प्यार की निशानी छोड़ती है और उसके बाद राजकुमारी कुंद्रा राजकुमार शुभांग की नाभि को काटने, चूमने व पीने लगती है जिससे राजकुमार और भी मदहोश हो जाते है और तोह और राजकुमारी को गोदी में उठाकर उन्हें बिस्तर पर लेता देते है और फिर राजकुमारी कुंद्रा के वस्त्रों को उनके शरीर से आजाद करने लगते है अब राजकुमारी पूरी तरह से निर्वस्त्र थी।

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