दिलों की कीमत अब सिक्कों से तौली जाती है,
इंसानियत यहाँ रोज़ सड़कों पे रोती जाती है।
ना खुदा का खौफ, ना ज़मीर की कोई आवाज़,
हर सौदे में बस मजबूरी ही बोली जाती है।

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