की क़रीब थें हम, चाहे बहाने फसाने थें,
तेरे मेरे दरमियान कुछ एहसास पुराने थें,
के हम लिपट रहे थें तेरे यादों के अवशेष से,
और तेरे लिए वो एहसास बचकाने थें !
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✍️ शालिनी चौधरी
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