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🙏🕉️🔱 हर हर महादेव 🙏🕉️🔱
*लोग आपको समझें अथवा ना समझें पर आपकी समझ में आपका स्वभाव अवश्य आना चाहिए। दूसरे आपको नहीं समझ रहे हैं, यह चिंता का विषय बिल्कुल भी नही है पर आप स्वयं अपने आप को नहीं समझ पा रहे हो तो यह जरूर विचारणीय विषय है।*
*हमारे द्वारा कई बार अपनी अशांति, अपने दु:खों अथवा अपने द्वंदों का कारण दूसरों का मान लिया जाता है। हम सुखी तो होना चाहते हैं मगर दूसरों को बदल कर, स्वयं को बदल कर नहीं।*
*प्रकृति ने सबको अलग स्वभाव प्रदान किया है। यहाँ पर प्रत्येक मनुष्य अलग उद्देश्य एवं अलग संकल्प के साथ जीवन जीता है। जब हमारे द्वारा अपनी धारणाओं के आधार पर दूसरों के जीवन का निरीक्षण किया जाता है तो उस स्थिति में दुःख ना होने पर भी हम दुःखी होने लग जाते हैं।*
*!!!...अनुराग किसी से भी हो सकता है, प्रेम सिर्फ चैतन्य से...!!!*
हर हर महादेव 🙏🙏