मुंबई ,
रात के 110 रहे थे चारों तरफ बहुत तेज बारिश हो रही थी और बारिश के वजह से बहार का नजारा भी अंधेरे के साथ डरावना होने लागा था और धीरे-धीरे बाहर का माहौल अब शांत होने लगा था , सभी इस बारिश में छुपने के लिए अपने-अपने घरों को जाने लगे थे । वहीं शहर से थोड़ा सा दूर एक सुनसान हाईवे था जहां पर गाड़ियां एक दो ही आ जा रही थी , उसी रास्ते पर कुछ शख्स जो ब्लैक हूडी पहने खडे थे, और एक शख्स था जिसने व्हाइट रंग की शर्ट पहनी हुई थी, लेकिन वो व्हाइट रंग की शर्ट अब लाल और मैली हो चूके थे,
वहा खडे सभी हुडी वाले सख्स मिल कर उस व्हाइट शर्ट पहने इन्सान को खंजर से वार करते हुए उसे सामने से आ रहें फुल स्पीड कार के सामने धक्का देते हैं और वहा से नीकल जाते हैं , । वही कार चला रहे शख्स और जो शख्स उस कार के सामने आया था उन दोनों के चीख और पूरे शांत माहौल को अशांत करते हुए वह कार भी सामने पेड़ से जा टकराती है ।
इसी के साथ एक शख्स चिल्लाते हुए अपने बेड से उठता है, उसका चेहरा पसीना से भीगा हुआ था , उसके चेहरे पर डिम लाइट पड़ रही थी । जिससे उसका पसीने भरा चेहरा और भी ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहा था , वह पास में लगे टेबल लैंप को जलाता है, और अपना फोन उठाओ उसमें टाइम देखा है सुबह के 30 रहे थे , वह अपने हाथ से पसीने को साफ करते हुए उस रूम को चारो तरफ से देखने लगाता है और कहता है -" ये रुम, ? फिर वो उठने की कोशिश करता है लेकिन फिर एक चीख से साथ वो बेड पर बैठ जाता है,
फिर वो अपनें बॉडी को टच करते हुए कहता है -" क्या मैं ज़िंदा हु , फिर उसकी नज़र अपने पैर पर जाति है जिसमे बहुत पट्टी लगी हुई थीं , वो घबरा कर पैर छू कर देखता है , जब उसे एहसास हो जाता है कि उसका पैर अब सही सलामत है तो वह एक राहत की सांस लेता है और कहता है - " पर मैं जिंदा कैसे ! तभी वहा एक खुबसूरत लेडी जिसकी उम्र लगभग 55 साल होगी वो अन्दर आते हुए कहती है -" दक्ष ... तुम्हे होश आ गाया ! वहि वो सख्स अपने आसपास देखने लगता है , और वह उस लेडि की तरफ देख कहता है - " दक्ष ! तभी वह लेडी अब तक अंदर आ चुकी थी वह उसे शख्स के माथे पर हाथ रख कहती है - " दक्ष क्या हुआ तुम्हें मैं याद नहीं हूं क्या , मैं तुम्हारी मॉम इतना कह वह डॉक्टर को आवाज देने लगी उसके दो बार आवाज देने से डॉक्टर भागता हुआ अंदर आया , और उस सख्स को चेक करने लागा ,।
एक हफ्ते बाद,
रात के 12 बज रहें थे ,
एक हफ्ते में दक्ष ने अपना खुद का ध्यान इतने अच्छे से रखा था कि वह पूरी तरह से रिकवर हो चुका था ,वह इस वक्त अपने स्टडी रुम में सोफे पर अपने हाथ में एक वाइन की क्लास लिए किसी किंग की तरफ बैठा था , और बगल वाले दीवार पर कुछ तसबीर लगी हुई थी ।
जिस पे क्रॉस के निशान लगे हुए थे , वो उन तसवीर को देख बोला -" आज से तुम सब का कमडाउन सुरु एक एक को मैं हेल के दर्शन करवाऊंगा , इतना बोल वो एक तीर उठा एक तसवीर को हिट करता है और कहता है -" सो यू आर लकी तुम पहले नंबर पर हो यानी कि मेरा पहला शिकार फिर अपने हाथ में पकड़े वाइन को एक घुट में पी एक डेवल स्माइल किया और वहा से अपनें रुम में आया । और मिरर में खुद को देखते हुए बोला -" यह वह चेहरा है जिसे मैं सबसे ज्यादा नफरत करके आया हूं , लेकिन पता नहीं था मुझे की यह चेहरा ही मेरी पहचान बन कर रह जाएगी एक गुमनाम पहचान जिसका सच कोई सोच भी नहीं सक्ता । लेकिन मुझे ये समझ नही आया की मुझे ये चेहरा मिला कैसे , प्लैटिक सर्जरी में भी इतना नही बदलता तो मुझे ये मेरा दुश्मन का चेहरा क्यों मिला ,।
इन सभी सवालों के जवाब मिलेगा कहां है और यह दक्ष का घटिया चेहरा मेरे लिए पजल बन गई है , ना मैं अपनी पहचान को आईडेंटिफाई कर पा रहा हूं , और न इस चेहरे के पहचाना को ,। तो क्या मेरी सोल चेंज हो गई है दक्ष के बॉडी में , अगर ऐसा हुआ भी है तो असली दक्ष कहां है क्या वो उस एक्वसीडेंट में मार गया ,इतना बोला ही था कि तभी पीछे से कोई उसके कंधे पर हाथ रखता है , जिसे शोर्य पलट जाता है और देखता है - " जहा उसी सकल का इन्सान खड़ा था ये देख वो बोला -" तु... तुम जिंदा हो तो फिर मैं तुम्हारी जगह क्या कर रहा हूं क्या किया है तुमने मेरे साथ यह कौन सा गेम खेल रहे हो, और क्या तुम उस एक्सिडेंट में मतलब तुम भी उन लोगो के साथ मिले थे , और इस चेहरे का क्या गेम है , तुम्हारी फैमिली मुझे तुम समझ कर यहां पर रखा हुआ है , तुम्हारी क्या चाल है , अब इसमें क्या तुम भी ? तभी असली दक्ष कहता है - " अपना यह मुंह बंद रखो जब से आया हूं तब से तुम्हारी बकबक सुने जा रहा हूं , और क्या कहा तुमने , तुम्हारे साथ गलत हुआ है और मैं गेम खेल रहा हूं तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो शौर्य ।
क्या तुम्हें आइडिया भी है मजाक तो मेरे साथ हुआ है उस एक एक्सीडेंट ने मेरी पूरी जिंदगी बदल कर रख दी है , तुम मेरे सामने खड़े हो मेरे चेहरे में और मैं यहां पर इतना बोलते बोलते उसकी आंखों से आंसू आ गया , फिर वो अपनें आंसु पॉच बोला - " मेरी बात ध्यान से सुना तुम्हारे साथ तो फिर भी बहुत अच्छा हुआ है , तुम्हें मेरी बॉडी मिल गई तुम्हें जीने का मौका मिला है , तुम्हें अपना बदला या जो भी लेना है जिन लोगों ने तुम्हें मारा है , पर मेरा क्या मैं तो बिना बिना बॉडी ऐसे आत्मा बन कर भटक रहा हूं, मुझे यह तक नहीं पता कि मैं शायद तुम जैसे इंसानों की लाइफ जी सकता हूं या नहीं जाऊंगा ,।
और वह एक्सीडेंट तुम मेरी गाड़ी के सामने आए थे , और मैं तुम्हें बचाने के चक्कर में खुद का अपना यह हाल बना लिया है तुम तो इंसान बन गए और मैं एक आत्मा बनकर रह गया हूं ,ना मेरी कोई पहचान है ना किसी को मेरे बारे में कभी पता भी चल पाएगा , तुम्हारे साथ तो बल्कि बहुत अच्छा है वह तुम इस नए चेहरे यानी मेरे चेहरे के साथ के साथ अपने दुस्मानों के बीच रह कर बदला ले सकते हो और मैं क्या करूंगा मुझे सिर्फ तुम देख सकते हो और कोई नहीं ,।
उस रात से मैं ऐसे ही भटक राहा हु ,।
एक्सीडेंट के बाद जब मेरी आंख खुली तब पता चला हॉस्पिटल में बस एक ही बॉडी लाई गईं है और वह बॉडी मेरी थी , पता नहीं अचानक से मेरी बॉडी सांस ले रही थी मेरे बिना और जब मुझे रिलाइज हुआ कि मेरी बॉडी में जिंदा कौन है तो मैं पूरी तरह से टूट गया था तो आखिर कहां गई तुम्हारी मुझे अब उसकी जरूरत है मुझे भी जिंदा होना है ,। यह सुनकर शौर्य बोला - " तो तुम कहना चाहते हो मेरी बॉडी हॉस्पिटल तक गई ही नहीं थी तो फिर मैं जिंदा कैसे हुआ , तुम्हारा और बॉडी और मेरा सोल एक दूसरे से कनेक्ट कैसे हुआ , ।
तू आखिर यह गेम प्लान है किसका और दक्ष आत्मा बनकर क्यों रह रहा है वह भी तो शोर्य की बॉडी ले सकता था ना फिर उसकी पहचान ऐसे गुमनाम क्यों होते जा रही है क्या करेगा शोर्य इन सब को कभी सुलझा भी पाएगा और क्या वह अपने दुश्मनों से बदला लेगा या फिर यह पहचान भी उसे छीन जाएगी ,।